इस लेख को सुनें
|
रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल कार्यक्रम में वैक्सीनेशन से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा
चर्चा के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए ग्रंथ अकादमी उपाध्यक्ष डॉ. चौहान ने बताया कि हरियाणा सरकार ने कोविड के खिलाफ एक व्यापक अभियान छेड़ने का फैसला किया है। इसके तहत अगले 10 दिनों के भीतर प्रदेश के सभी गांवों के सभी लोगों की कोविड स्क्रीनिंग की जाएगी। इस स्क्रीनिंग के लिए प्रदेश भर में स्वास्थ्य विभाग के करीब आठ हजार कर्मियों की टीमें रवाना होंगी जो गांवों में कोविड संक्रमण की स्थिति का जायजा लेंगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर रोकथाम के लिए कदम उठाए जाएंगे।
असंध। 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए कोविन ऐप पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने के साथ-साथ बुकिंग भी करानी होगी। रजिस्ट्रेशन से उल्लिखित साइट पर सिर्फ लोगों का व्यक्तिगत विवरण दर्ज होता है और उन्हें आईडी एवं पासवर्ड जारी किया जाता है, लेकिन बुकिंग कराने से वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध सबसे निकटवर्ती केंद्र और संबंधित व्यक्ति के लिए इस उद्देश्य से निर्धारित की गई अवधि की सटीक जानकारी मिलती है। इसका मकसद एक केंद्र पर भीड़ को इकट्ठा होने से रोकना है।
यह जानकारी रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल कार्यक्रम में करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजेश गर्ग ने हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान के साथ वैक्सीनेशन से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के दौरान दी। उन्होंने कहा कि 45 वर्ष से कम आयु के लोगों को बुकिंग कराने पर ही यह जानकारी मिल सकेगी कि किस केंद्र पर उन्हें कितने बजे वैक्सीनेशन के लिए जाना है। ऐसा न करने पर उन्हें केंद्र से लौटना भी पड़ सकता है।
डॉ. राजेश गर्ग ने बताया कि कोविशिल्ड और कोवैक्सीन दोनों स्वदेशी वैक्सीन हैं जो पूरी तरह सुरक्षित हैं। टीका लगने के बाद आने वाला बुखार या हरारत सामान्य लक्षण हैं जिनसे घबराने की कतई जरूरत नहीं है। टीके के प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग देखने को मिल सकते हैं। कोवीशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतर बढ़ाकर अब 12 से 16 हफ्ते इसलिए किया गया है क्योंकि विदेशों में इसके बेहतर परिणाम देखे गए हैं। कोवैक्सीन की दो खुराकों के बीच का अंतर अब भी 4 हफ्ते ही है। 18 से 44 वर्ष के लोगों के लिए एक मोबाइल फोन से एक ही व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन होगा। वैक्सीन की दूसरी खुराक के लिए उन्हें उसी मोबाइल से दोबारा रजिस्टर कराना होगा।
डॉ. चौहान ने बताया कि मरीजों को डोर-टू-डोर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार संकल्पबद्ध है। मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने ग्लोबल टेंडर आमंत्रित कर वैक्सीन का विदेशों से आयात करने का फैसला किया है। इससे प्रदेश में वैक्सीन का संकट दूर हो जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक फीस लेने वाले अस्पतालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। इसके अलावा गांवों में लोगों की अनियंत्रित आवाजाही को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने फिर से ठीकरी पहरा लगाने के आदेश जारी किए हैं।
टीकाकरण के दूसरे-तीसरे चरण में लोगों की प्रतिक्रिया पहले से बेहतर दिखती है, लेकिन अब भी कुछ लोगों में भ्रम बाकी है। इस संबंध में आम भ्रांतियां क्या हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है? डॉ. चौहान के इस सवाल पर डॉ. राजेश गर्ग ने बताया कि टीकाकरण की शुरुआत में लोगों में काफी उदासीनता का भाव था। लोग टीकों को संदेह की नजरों से देख रहे थे, लेकिन अब इसके प्रति लोगों का नजरिया बदला है। लोग टीकाकरण के प्रति गंभीर हुए हैं और 18 से 44 आयु वर्ग के लोग बढ़-चढ़कर टीकाकरण में भाग ले रहे हैं। कल्पना चावला अस्पताल में तो टीका लगवाने वालों का एक दिन में 284 का आंकड़ा भी दर्ज किया गया। अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या भी बढ़कर 90 के करीब हो गई है और आइसोलेशन बेड की संख्या अब 190 है।
चर्चा में असंध से सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र शर्मा, पधाना से लाभ सिंह, चोरकारसा से बलबीर और सिरसा से देवेंद्र टुटेजा ने भी भाग लिया। नरेंद्र शर्मा ने संक्रमण पर चिंता जताते हुए कहा कि असंध में रोज एक-दो मरीजों की मौत हो रही है। उन्होंने ठीकरी पहरा लगाने की जरूरत बताई। देवेंद्र टुटेजा ने जानना चाहा कि वैक्सीन की एफीकेसी रेट बढ़ाना संभव है या नहीं। इस पर डॉक्टर गर्ग ने बताया कि हर वैक्सीन की अलग संरचना होती है और उसके बनाने का तरीका भी अलग होता है। इसलिए किसी भी वैक्सीन की एफीकेसी रेट को नहीं बढ़ाया जा सकता। असंध से लाभ सिंह ने बुकिंग में तकनीकी समस्या पेश आने का जिक्र किया।
सम्बंधित क्षेत्र में वक्सिनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन हेतु स्लॉट उपलब्ध है या नहीं, यह जानना चाहते हैं तो उस क्षेत्र का पिन कोड नंबर 9013151515 नंबर पर व्हाट्सएप करें। स्लॉट की उपलब्धता व्हाट्सएप पर पता चल जाएगी।