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रेडियो ग्रामोदय के कार्यक्रम ‘म्हारे गाम की बात’ में गांव अरडाना पर चर्चा
असंध। हरियाणा सरकार गावों के सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्प है। तालाब – जोहड से लेकर गांव के स्कूलों तक — हर क्षेत्र में स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं शुरू की गई हैं। तालाबों, जलाशयों को बचाने और उनके संरक्षण के लिए सरकार पहले ही तालाब प्राधिकरण का गठन कर चुकी है। इसके अलावा सरकार स्कूलों के अपग्रेडेशन पर भी ध्यान दे रही है। अपग्रेडेशन के लिए निर्धारित न्यूनतम मानकों को पूरा करने वाले स्कूलों को अपग्रेड कर उन्हें प्लस-टू तक किया जा रहा है।
यह जानकारी हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष एवं निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने रेडियो ग्रामोदय के कार्यक्रम ‘म्हारे गाम की बात’ में गांव अरडाना पर चर्चा के दौरान दी। उन्होंने कहा कि पानी की व्यवस्था करना सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना शुरू की गई है। सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि जलाशयों की जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता। तालाबों से अतिक्रमण हटाना ही होगा। तालाब बचेंगे, तभी गांव बचेगा। डॉ. चौहान ने कहा कि जो तालाब और जोहड गंदगी के स्रोत हैं। जिनमें गाद और कचरा भरा पड़ा है। उन्हें साफ कराना होगा।
चर्चा में जुड़े गांव अरडाना के सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र राणा ने बताया कि गांव में पानी की समस्या पहले अत्यंत गंभीर थी। इस समस्या को लेकर वह विभाग के एक्सईएन और एसपी से भी मिले थे। इसके बाद पेयजल की समस्या तो दूर हुई, लेकिन सिंचाई की समस्या अब भी बाकी है। गांव का परिचय देते हुए सुरेंद्र ने बताया कि गांव में करीब 5200 वोट हैं। इनमें करीब 1400 ब्राह्मण और 1200 राजपूत जाति के लोग भी शामिल हैं। गांव की कुल आबादी अब नौ हजार के करीब अनुमानित है। 2011 की जनगणना के अनुसार गांव की आबादी सात हजार के करीब थी। खूबी साबा, बल्लो पट्टी और मुसलमान पट्टी नाम से गांव में तीन पट्टियां हैं। इस गांव में अब मात्र एक मुस्लिम घर बचा है।
जमीन के मामले में गांव में सबसे संपन्न व्यक्ति कौन है? डॉ. चौहान के इस सवाल पर सुरेंद्र राणा ने बताया कि सुरेंद्र राजपूत के पास गांव में सबसे ज्यादा 120 किले जमीन है। सरकारी नौकरियों के मामले में गांव की स्थिति का जायजा लेते हुए डॉ. चौहान ने पूछा कि गांव में आज तक सबसे ऊंचा पद हासिल करने में कितने लोग कामयाब रहे? इस पर गांव में अटल सेवा केंद्र संचालित करने वाले शुभम राणा ने बताया कि आज की तारीख में गांव में सबसे ऊंची नौकरी हासिल करने का श्रेय चंद्रिका अत्री को है। वह आईएएस के पद पर कार्यरत है। उससे पहले ओ. पी. राणा को तहसीलदार बनने का अवसर प्राप्त हुआ था जो 5 साल पहले सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
डॉ. चौहान ने पूछा कि गांव अरडाना में गौशालाओं का क्या हाल है? इस पर सुरेंद्र राणा ने बताया कि गांव में एक बड़ी गौशाला है जिसमें करीब 350 गोवंश हैं। इस गौशाला का संचालन नरेंद्र राणा और जगतराम मिलकर कर रहे हैं। उनके अलावा इस गौशाला के रखरखाव में गांव के अन्य लोगों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।
इस अवसर पर डॉ. चौहान ने बताया कि प्रदेश की मनोहर लाल सरकार गौशालाओं के रखरखाव के लिए अनुदान के तौर पर हर साल एक न्यूनतम राशि देती है। इसके अलावा सरकार प्रदेश के हर गांव में एक पुस्तकालय खोलने का भी प्रयास कर रही है। कांचवा में बिजली वितरण निगम की ओर से एक पुस्तकालय भवन का निर्माण कराया गया है। गांव गोंदर में भी एक पुस्तकालय बनने जा रहा है। पुस्तकालयों की सार्थकता तभी है जब गांव के लोग उससे जुड़ पाएं। उन्होंने कहा कि गांव में पुस्तकालय खोलने के लिए 21 लोगों की एक कमेटी बनाई जाए और चंदे की एक न्यूनतम राशि भी तय होनी चाहिए। विकास के इस कार्य में हरियाणा ग्रंथ अकादमी भी अपने योगदान के तौर पर 400 पुस्तकें मुफ्त देगी।
शुभम राणा ने बताया कि गांव में जलाशयों के तौर पर 5 तालाब और दो-तीन जोहड मौजूद हैं, लेकिन गांव में असंध से जाने वाली सड़क की हालत खराब है। उस पर दो-दो फीट के गड्ढे बने हुए हैं। सुरेंद्र राणा ने गांव के स्कूल को अपग्रेड करने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि करीब 300 बच्चों वाले गांव के स्कूल को अपग्रेड करने और गांव में एक आईटीआई खोलने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि गांव की पंचायत के पास 30 एकड़ जमीन होने के बावजूद गांव में कोई व्यायामशाला नहीं बन पाई है। इस पर डॉ. चौहान ने बताया कि हरियाणा के एक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम दस व्यायामशालाओं के निर्माण का प्रावधान किया गया है। प्रदेश के ग्रामीण अंचल में पहले चरण के दौरान करीब 1000 व्यायामशालाओं का निर्माण होना है। इनमें से करीब 500 व्यायामशालाओं का निर्माण पूरा हो चुका है।