अब गांवों में भी पांव पसार रहा कोरोना, सतर्क रहें, भ्रांतियों से बचें : डॉ. चौहान
रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल में कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण से खुद को बचाने के उपायों पर चर्चा
करनाल। शहरों के बाद अब गांवों को भी कोरोना ने अपनी चपेट में ले लिया है। हरियाणा के ग्रामीण अंचल में महामारी से संक्रमण के मामलों में काफी तेजी आई है। असंध के वरिष्ठ चिकित्सा पदाधिकारी (एसएमओ) ने भी इस बात की पुष्टि की है कि अब करनाल क्षेत्र में भी कोरोना पांव पसार रहा है। इसलिए इससे बचाव के लिए सबको सतर्क रहने और वैक्सीनेशन पर भ्रांतियों से बचने की जरूरत है।
यह विचार हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने व्यक्त किए। वह वीरवार को आयोजित रेडियो ग्रामोदय के वेकअप करनाल कार्यक्रम में गांव रहड़ा के कारोबारी व सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र राणा व कोरोना से निर्णायक जंग जीतकर लौटे बल्ला के राम मेहर शर्मा समेत अन्य ग्रामीणों के साथ कोरोना से बचने के उपायों पर चर्चा कर रहे थे।
डॉ. चौहान ने सभी लोगों से वैक्सीनेशन करवाने की अपील करते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रांतियों से बचें। संक्रमण के लक्षण दिखते ही खुद को घर में आइसोलेट कर लें और जरूरी घरेलू उपचार करें। उन्होंने दो मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने पर जोर देते हुए कहा कि मास्क को इस प्रकार लगाएं कि नाक और मुंह अच्छी तरह से सील हो जाए।
चर्चा के दौरान डॉ. चौहान ने जानकारी दी कि करनाल के कल्पना चावला मेडिकल अस्पताल में 30 बिस्तरों वाले कोविड आईसीयू की व्यवस्था की गई है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद इसका लोकार्पण किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अस्पतालों में वेंटिलेटर सुविधा वाले बेड बढ़ाने के लिए प्रयासरत है, हालांकि सभी कोरोना संक्रमितों को वेंटिलेटर की आवश्यकता नहीं है।
इस दौरान नरेंद्र राणा ने बताया कि राहरा में कोरोना के ज्यादा मामले तो नहीं है, लेकिन एक मामला जरूर सामने आया है जिसे अपने रिश्तेदार से संक्रमण हुआ था। उसकी हालत अब ठीक बताई जाती है। नरेंद्र ने बताया कि गांव में ज्यादा मामले सामने ना आने का एक कारण यह भी है कि वहां ज्यादा जांच नहीं करवाई जा रही है। यह चिंता की बात है जो आगे परेशानी खड़ी कर सकता है।उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव में वैक्सीन सबसे ज्यादा कारगर है, लेकिन वैक्सीन को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं। नकारात्मक खबरें भ्रम पैदा कर रही हैं जिनसे नुकसान हो रहा है। नरेंद्र ने लोगों को साबुन, सैनिटाइजर और मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी।
कोरोना से निर्णायक जंग जीतकर लौटे गांव बल्ला के राम मेहर शर्मा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि अप्रैल के प्रारंभ में ही वह कोरोना से संक्रमित हो गए थे। रात को बुखार आता था। चार-पांच दिन तक दवा लेने के बावजूद 5 तारीख को सांस लेने में परेशानी होने लगी। ऑक्सीजन का लेवल 50 से भी कम हो गया था। सूचना देने के 20 मिनट के भीतर एंबुलेंस घर पर पहुंचा और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। पिछले साल उनके बेटे को भी संक्रमण हुआ था जो तुरंत ठीक हो गया था। तब इस बीमारी को गंभीरता से नहीं लिया था। जब खुद पर बीती तो गंभीरता का पता चला।
चर्चा के दौरान गांव सालवन से जुड़े एडवोकेट आनंद राणा ने बताया कि सालवन में कोरोना से 2 लोगों की मृत्यु हुई है, जिनमें एक बुजुर्ग और एक 30-32 साल का युवक शामिल है। दोनों ऐसे लोग थे जिन्हें पहले से कोई परेशानी नहीं थी। इसके अलावा कोरोना एक्टिव के भी कई मामले हैं।