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जौहड़ों से हटे अतिक्रमण, ईमानदार व्यक्ति को चुनें पंचायत प्रतिनिधि : डॉ. चौहान

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रेडियो ग्रामोदय के कार्यक्रम ‘म्हारे गाम की बात’ में  बाल-पबाना पर चर्चा

करनाल। हरियाणा के गावों में अधिकतर जौहड़ अतिक्रमण का शिकार हो चुके हैं। सरकारी रिकॉर्ड में उनका जो आकार वर्णित है वह धरातल पर मौजूद नहीं है। जलाशयों पर यह अतिक्रमण जहां जलसंकट का कारण बन रहा है, वहीं इससे पानी निकासी की समस्या भी गंभीर हुई है। इसके परिणामस्वरूप नालियों का गंदा पानी गलियों व सड़कों पर फैलता है और राहगीरों को आने-जाने में परेशानी होती है। प्रदेश सरकार जौहड़ों को संरक्षित करने की दिशा में पुरज़ोर प्रयास कर रही है और इसके लिए हरियाणा तालाब प्राधिकरण गठित किया जा चुका है।

 रेडियो ग्रामोदय के कार्यक्रम ‘म्हारे गाम की बात’ में  बाल-पबाना गाँव से जुड़े मसलों पर ग्रामीणों से चर्चा के दौरान हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जलाशयों के स्वरूप से कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का भी निर्देश है कि तालाबों का स्वरूप न बदला जाए। लेकिन आज स्थिति यह है कि अतिक्रमण के कारण गांवों में कहीं कहीं तो जौहडों को ढूंढना मुश्किल हो गया है। उन्होंने ग्रामवासियों को आगामी पंचायतीराज के चुनावों में पढ़े लिखे और ईमानदार जन प्रतिनिधि चुनने के लिए कहा जो दोनों ग्रामों की वर्तमान स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन की न केवल योजना बनाएँ बल्कि उन्हें प्रभावी ढंग से लागू भी करें।डॉक्टर चौहान ने कहा कि गाँव के विकास कार्यों में अनियमितता के जो मामले जाँच के अधीन हैं उन में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों को क़ानून सम्मत तरीक़े से दंडित किया जाएगा।

म्हारे गाम की बात...@ रेडियो ग्रामोदय 90.4

चर्चा के दौरान गांव पबाना के समाजसेवी विशाल विलवस ने बताया कि पबाना हसनपुर गांव में विकास की स्थिति संतोषजनक है। दसवीं तक के स्कूल हैं ।पीने के पानी के लिए तीन नलकूपों की भी व्यवस्था है। गांव में अस्पताल के लिए अपना स्थाई भवन है। ग्राम सचिवालय की इमारत अभी निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि गाँव में स्टेडियम के लिए बजट स्वीकृत होने की जानकारी मिली है और इसके बाद ग्रामवासी इस पर काम शुरू होने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे हैं।

डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने प्रतिभागियों से ही दोनों गांवों के विकास की वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर विमर्श किया।इस पर गांव पबाना-हसनपुर के शिक्षक नरेश प्रजापति ने बताया कि गांव में विकास की स्थिति पहले की तुलना में काफ़ी अच्छी है। वहां सभी समुदायों के बीच आपसी भाईचारा बना हुआ है। नरेश ने गांव में स्थित सरकारी स्कूल के सामने गंदगी फैले होने का जिक्र किया और कहा कि इस पर ध्यान देने की जरूरत है। इस पर डॉ. चौहान ने कहा कि स्वच्छता वैसे तो स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है, लेकिन गांव वासियों को भी अपने स्तर पर पहल करनी चाहिए।

बाल राजपूतान के रणदीप सिंह ने भी गांव में पानी निकासी की समस्या की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि पानी की निकासी न होने के कारण सड़कों पर गंदा पानी फैला रहता है। इस पर डॉ. चौहान ने कहा कि पानी निकासी की समस्या जौहड़ों से कब्जे हटाने के बाद ही दूर हो सकती है।

डॉ. चौहान ने जब सरकारी नौकरियों के मामले में दोनों गांवों की हिस्सेदारी के संबंध में जानना चाहा तो नरेश प्रजापति ने बताया  कि सरकारी नौकरियों के मामले में पबाना-हसनपुर की हिस्सेदारी नाम मात्र की ही है। कई साल पहले गांव में सेना के दो कर्नल निवास करते थे, लेकिन अब वे गांव से बाहर जा चुके हैं। रणदीप सिंह ने बताया कि गांव के सरकारी स्कूल की पढ़ाई तो अच्छी है, लेकिन खेलों के मामले में गांव के बच्चों की कोई खास उपलब्धि नहीं है।

बाल पबाना के लिए जल्द शुरू होगा शैक्षणिक प्रोजेक्ट

चर्चा के दौरान कई ग्रामीणों ने गांव के बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर खोलने की जरूरत बताई ताकि उन्हें करियर बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके और ख़ासकर सरकारी नौकरियों में गाँव की हिस्सेदारी बढ़े। नरेश प्रजापति ने कहा कि गांव में मेडिकल की पढ़ाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। विशाल विलवस  ने भी कहा कि गांव के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उचित मार्गदर्शन नहीं मिल पाता। यह मार्गदर्शन बिना कोचिंग सेंटर खोले नहीं हो सकता। इस पर डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि दोनों गांवों में ग्रामोदय समितियों का गठन कर जल्द ग्रामोदय अभियान की ओर से ऑनलाइन करियर काउंसलिंग केंद्र से शुरू किया जाएगा।

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1 thought on “जौहड़ों से हटे अतिक्रमण, ईमानदार व्यक्ति को चुनें पंचायत प्रतिनिधि : डॉ. चौहान”

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